रविवार, 11 जुलाई 2010

पापा-मम्मी
















अप्रैल २००६ कि बात है जब आप आये थे ... कितना अच्छा लगता है ... कुछ लम्हे ....

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर चित्रांकन ! शुभकामनाओ सहित!

    आपका
    -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
    सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित पाक्षिक समाचार-पत्र) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) (जो दिल्ली से देश के सत्रह राज्यों में संचालित है।
    इस संगठन ने आज तक किसी गैर-सदस्य, सरकार या अन्य किसी से एक पैसा भी अनुदान ग्रहण नहीं किया है। इसमें वर्तमान में ४३६४ आजीवन रजिस्टर्ड कार्यकर्ता सेवारत हैं।)। फोन : ०१४१-२२२२२२५ (सायं : ७ से ८) मो. ०९८२८५-०२६६६
    E-mail : dr.purushottammeena@yahoo.in

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  2. बहुत सुन्दर! संवेदनाओं को प्रस्तुतीकरण काबिले तारीफ है. शुभकामनाओ सहित!

    आपका
    -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
    सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित पाक्षिक समाचार-पत्र) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) (जो दिल्ली से देश के सत्रह राज्यों में संचालित है।
    इस संगठन ने आज तक किसी गैर-सदस्य, सरकार या अन्य किसी से एक पैसा भी अनुदान ग्रहण नहीं किया है। इसमें वर्तमान में ४३६४ आजीवन रजिस्टर्ड कार्यकर्ता सेवारत हैं।)। फोन : ०१४१-२२२२२२५ (सायं : ७ से ८) मो. ०९८२८५-०२६६६
    E-mail : dr.purushottammeena@yahoo.in

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  3. आपके पापा मम्मी से मिलकर अच्छा लगा। मेरा भी प्रणाम...
    ब्लागिंग की दुनिया में आपका स्वागत है. हिंदी ब्लागिंग को आप नई ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है....
    --
    इंटरनेट के जरिए अतिरिक्त आमदनी के लिए-
    http://gharkibaaten.blogspot.com

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  4. इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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